काश ! .......कभी ऐसा हो.....
हम रेशमी धागों से रुमाल पर तुम्हारा नाम टाँके..
तुम्हारे लिए फूल चुनकर लाँए और माला गूँथे..
काश ! .....कभी खिड़की पर देर तक बैठकर तुम्हारी राह देंखे..
....कभी यूँ ही अकेलें मे मुस्कायेँ......
कभी ये निगाहें आसमान पर टिकी रह जाएं
काश! ......ऐसा होता......जिन्दगी के कुछ पल तुम्हारे लिए होते
काश! ........................
तुम सपना नही यथार्थ होते.......
हम रेशमी धागों से रुमाल पर तुम्हारा नाम टाँके..
तुम्हारे लिए फूल चुनकर लाँए और माला गूँथे..
काश ! .....कभी खिड़की पर देर तक बैठकर तुम्हारी राह देंखे..
....कभी यूँ ही अकेलें मे मुस्कायेँ......
कभी ये निगाहें आसमान पर टिकी रह जाएं
काश! ......ऐसा होता......जिन्दगी के कुछ पल तुम्हारे लिए होते
काश! ........................
तुम सपना नही यथार्थ होते.......